Panchayat Season 4 Review : पंचायत का चौथा सीजन इस बार विशुद्ध राजनीति वाला रहा।


गांव की राजनीति थोड़ी ग्रे होती है, गलत सही में भेद कम होता है। पंचायत में इस बार राजनीति को बहुत अच्छे तरीके से चित्रित किया गया है। आखिर में प्रधान का पूरे गांव को धोखेबाज कह के चिल्लाना राजनीति का नेट रिजल्ट है।
राजनीति छल फरेब ताकत झूठ का दूसरा नाम है, अगर इस राजनीति के दलदल में रह कर कोई किसी मनुष्य का अहित नहीं कर रहा है तो वह बड़ा व्यक्ति है। बृजमोहन दुबे और मंजू देवी की नैतिकता दर्शकों की सहानुभूति ले जाती है। जब क्रांति देवी और बनराकस, प्रहलाद चा और खुशबू को लेकर घृणित बात करते हैं तो बाद में प्रधान जी का चुनाव हरना नैतिकता की हार लगती है।

रिंकी और सचिव जी के दो तीन सीन राजनीति के गर्म तवे पर फुआर जैसे ही रहे। सचिव बड़े शहर का भले है लेकिन है भोलाराम, उसे पढ़ाई करनी, नौकरी करनी प्रधान के साथ राजनीति करनी पर लड़की से ढंग से बात करना नहीं आता और तो और उसे मफलर भी लपेटना नहीं आता। लड़कियां जाने कैसे सलीकेदार हो जातीं हैं और लड़के सचिव बन जाएं या अधिकारी उन्हें ढंग से कपड़ा पहनना भी नहीं आता। रिंकी अपनी मर्यादा और परिवार की स्थिति जानती है लेकिन इन सबके बाद भी वह सचिव के पिटने पर उसे अकेला नहीं छोड़ती। सचिव का दोस्त उसे बार बार गांव छोड़ देने को कहता है लेकिन सचिव जलालत, पिटाई, एफ आई आर सब कुछ सहने के बाद भी गांव में डटा हुआ है। उसके दांत का दर्द रिंकी द्वारा मुंह दबा कर नाक सिकोड़ कर मुस्कराने में गायब हो जाता है। यह होता है प्यार जिसके लिए पंचायत देखी जा रही। 

जब सीजन तीन खत्म हुआ तो मैने लिखा था कि प्रधान पर गोली सांसद ने चलवाया। सीजन पांच में जबकि अब प्रधान चुनाव हार गया है, आगे प्रहलाद या मंजू देवी विधायक बनेंगे। रिंकी अगली पंचवर्षीय योजना में प्रधान होगी, सचिव जी कोई बड़ा बिजनेस शुरू करेंगे। बिकास नए विधायक का पीएस होगा।

पंचायत जैसी कहानियां आपके धैर्य को पुष्ट करती हैं, देखने सुनने के स्वाद को गाढ़ा करती हैं। कहानी का धीरे चलना रेट्रो की अनुभूति कराता है। 

रघुबीर यादव जी कमाल हैं, बम बहादुर थोड़ी देर के लिए आते हैं और अपना छाप छोड़कर चले जाते हैं। इस बार जगमोहन और दामाद जी की कमी खली, विधायक पंकज झा बाबू का कबूतर डांस अद्भुत अद्भुतम ही है।

कुल मिलाकर मजा आया। सेमी पोर्न, क्रूरता पर बनने वाली वेब सीरीज के दौर में पंचायत रेत में झरने जैसा है।

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