#विषैलावामपंथ
दुनिया में सबसे पॉवरफुल पोजीशन क्या है? कहां खड़े होकर आप सबसे अधिक शक्तिशाली होते हैं?
सबसे पॉवरफुल पोजीशन अमेरिका के राष्ट्रपति की पोजीशन नहीं है, संयुक्त राष्ट्र के जनरल सेक्रेटरी की पोजीशन नहीं है, दुनिया के सबसे अमीर आदमी की पोजीशन नहीं है. दुनिया में सबसे पॉवरफुल है मॉरल पोजीशन.
मॉरल पोजीशन की सैंक्शन मिलने से कोई भी काम वैध और स्वीकार्य हो जाता है. सरकारें आपकी आय का आधा छीन लेती हैं और वह टैक्स कहलाता है. न्यायालय किसी की हत्या की आज्ञा दे देती है तो वह मृत्युदंड कहलाता है. लूट और हिंसा को समाजवाद समानता का मॉरल सैंक्शन देता है तो दो कदम आगे बढ़कर हत्या और बलात्कार को मजहब का मॉरल सैंक्शन मिलता है और वह शरीयत कहलाता है.
वामपंथ ने इस बात को बिल्कुल सटीक समझा है. और इसलिए वामपंथियों ने मॉरलिटी की मोनोपॉली ले रखी है. और यह मोनोपॉली दुनिया के सभी संसाधनों की मोनोपॉली से अधिक टॉक्सिक है. वे जो करना चाहते हैं, इस मॉरल पोजीशन से करते हैं. परिवारों को तोड़ना होता है तो स्त्रियों के अधिकार के मोरल पोजीशन से उसपर हमला करते हैं. और जब स्त्रियों पर हिजाब और बुर्के की गुलामी का प्रश्न उठता है तो उतनी ही सरलता से रिलिजियस प्रैक्टिसेज के अधिकार का मॉरल पोजीशन पकड़ कर आँखें फेर लेते हैं.. वे जब आपकी सम्पदा और समृद्धि को नष्ट करना चाहते हैं तो कभी आर्थिक समानता की मॉरल पोजीशन पकड़ लेते हैं और कभी पर्यावरण की रक्षा के नाम पर उद्योग धंधों का गला घोंट देते हैं. वे किसी भी शत्रु पर सामने से प्रहार नहीं करते, एक मॉरल पोजीशन पकड़ कर प्रहार करते हैं. समाज में नैतिकता के निर्धारण के सभी प्रेशर पॉइंट्स उनके कब्जे में हैं.
अभी इसी वर्ष यूरोप में जर्मनी तीसरा ऐसा देश बनने की ओर अग्रसर है जहाँ लोकप्रिय दक्षिणपंथी विपक्षी दल पर वामपंथी सरकारों ने चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. पहले रोमानिया में सबसे लोकप्रिय दल के नंबर एक और नंबर दो नेता के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. फिर फ्रांस में अत्यधिक लोकप्रिय मरीन ली पेन को जेल भेज दिया गया और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
और अब जर्मनी के प्रमुख विपक्षी दल AfD (alternative for Germany) को फार राइट एक्ट्रेमिस्ट ऑर्गेनाइजेशन घोषित करके उसपर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है. काश्मीर में लोकतान्त्रिक आधार पर जनमत संग्रह कराने की मांग करने वाले वामपंथियों को इसमें लोकतंत्र की हत्या नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने सीधा वामपंथ से असहमत होने को ही अनैतिक घोषित कर दिया है.
समाज में नैतिकता के निर्धारण का अधिकार सबसे शक्तिशाली टूल है. देश की सेना पर नियंत्रण, या देश की अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण उतनी बड़ी शक्ति नहीं है जितनी बड़ी शक्ति है समाज की नैतिकता पर नियंत्रण. नैतिकता सभ्यता का सबसे शक्तिशाली शस्त्र है. इसे सीरियसली लिए जाने की आवश्यकता है. हमारी सबसे बड़ी कमजोरी रही है कि हमने नैतिकता को एक डिस्पोजेबल पर सजावटी चीज बना रखा है. एक तरफ हम इसकी खूब अलंकृत और वैभवशाली व्याख्याएं करते हैं और दूसरी तरफ इसके रूडिमेंट्स का भी सम्मान नहीं करते. यह वह किला है जिसे हमने सजा धजा कर मेले का सेंटरपीस बना रखा है और दूसरी ओर बिल्कुल अरक्षित छोड़ दिया है.
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