देखिये यह सारी लड़ाई ही Optics की है.



Optics... मतलब जो दिखता है... और जो दिखता है या दिखाया जाता है... उसी से सारा खेल होता है.... आपको कोई चीज दिखा कर पूरा विश्वास दिलाया जाता है... कि यही सत्य है.

धारा 370 के बारे में क्या कहते थे?
नहीं जी.. ये तो नहीं हट सकती... मोदी अगले 10 जन्म में नहीं हटा सकते..... कोई नहीं हटा सकता जी.

हट गई..... कोई चूँ चाँ ना हुई... कोई हल्ला गुल्ला ना हुआ.

राम मंदिर का मुद्दा 500 सालों से चल रहा था.
मैं लिख कर दे सकता हूँ... कट्टर से कट्टर और सकारात्मक से सकारात्मक हिन्दू भी यह मान कर बैठा था कि इस जन्म में तो ना बन पायेगा.... संभव ही नहीं है..... राम लला टेंट में ही रहेंगे.....और कभी कुछ बनाने का हुआ भी तो देश भर में दंगे होंगे.

ज्यादा दूर क्या जाना... 2019 से पहले मैं स्वयं यह मानता था कि इस जन्म में तो श्रीराम जन्मभूमि में प्रभु श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य ना मिलने वाला.

लेकिन काम हुआ ना? फैसला आया.... मंदिर भी बना.... करोड़ों ने दर्शन भी किये... और आज यह हिन्दू धर्म के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है. देश में कोई हल्ला ना हुआ, कोई दंगा ना हुआ.

पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में एक छवि थी... कि वो हमें जब चाहे घुस कर मार सकते हैं.. हम में उतना दम नहीं... हम अंतराष्ट्रीय दबाव के आगे झुक जाते हैं.

फिर उरी हुआ.. हमने बदला लिया.... घर में घुस के मारा... म्यानमार में कई किलोमीटर अंदर जा कर मारा.... बालाकोट में तो एयरफोर्स International बॉर्डर पार करके मार कर आई... और आज हर रोज हमारे दुश्मन कहीं ना कहीं मारे जाते हैं.

कौन सा दबाव आया अब?? सब manage कर लिया ना??

फिर एक Optics था... कि पाकिस्तान का Nuclear Threat है.... हम कुछ नहीं करेंगे.. करेंगे तो nuclear हमला होगा.

इस optics की हवा बालाकोट की कार्यवाही में निकाली.... उनके घर में घुस के मारा... और फिर हमारे अफसर अभिनन्दन को छुड़वाने के लिए हमारी Nuclear Missile तैनात कर दी गई थी पाकिस्तान के हर शहर पर.... तभी इमरान खान की टाँगे कांप गई थी.

ऐसा ही एक छद्म धरना थी कि Waqf को कोई छू नहीं सकता... छू लेगा तो बवाल हो जाएगा.... फलाना ढिकाना हो जाएगा.

आज बिल लोकसभा में पास होने जा रहा है.... मुस्लिम महिलाएं इसके समर्थन में खड़ी हैं... कई प्रमुख मुस्लिम संगठन इसके समर्थन में हैं... चर्च तक इसके समर्थन में हैं... कई सेक्युलर पार्टियां इसके समर्थन में हैं.

कहीं कोई हल्ला नहीं.. कहीं कोई दंगा नहीं... कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं.

क्या अपने सोचा था.. ऐसा हो सकता है?? लेकिन ऐसा हो रहा है.

आप इसे कूटनीति कहें.. मास्टरस्ट्रोक कहें.. कुत्तनीति कहें... या कुछ ओर... लेकिन एक बात तो पक्की है... मोदी को बने बनाये Optics तोड़ने में महारत हासिल है.

हाँ... एक और बात है... वह काम अपने हिसाब से, अपने समय पर करते हैं... अपनी priority तय करके. आप उनसे अपना काम अपने हिसाब से करवाना चाहेंगे... तो बेहद निराश होंगे.

टिप्पणियाँ