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सनातन धर्म
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"धर्म, संस्कृति और राष्ट्रवाद के रंग में रंगे सनातन पर्व"
होली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत व्यापक है। यह पर्व प्रह्लाद की भक्ति, होलिका के अहंकार के अंत और भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की महिमा का गान करता है। यह संदेश देता है कि अधर्म, अन्याय और अहंकार कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, सत्य और धर्म की विजय अवश्य होती है। आध्यात्मिक रूप से यह पर्व मन के विकारों को जलाने और प्रेम, करुणा व आनंद को स्थान देने का अवसर प्रदान करता है। होली का वैज्ञानिक महत्व भी उल्लेखनीय है। फाल्गुन माह में मौसम परिवर्तन के कारण शरीर में जीवाणु संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में होलिका दहन की अग्नि वातावरण में फैले हानिकारक जीवाणुओं का नाश करती है। प्राकृतिक रंगों का उपयोग त्वचा और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, वहीं गुलाल जैसे रंगों से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
सनातन धर्म के अन्य त्योहार भी धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व रखते हैं। दीपावली अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, जब भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर दीप जलाए गए और अधर्म पर धर्म की विजय का उद्घोष हुआ। मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने के साथ-साथ दान-पुण्य और स्वास्थ्यवर्धक तिल-गुड़ के सेवन की परंपरा को पुष्ट करता है। नवरात्रि शक्ति की आराधना का पर्व है, जिसमें आत्मसंयम और आत्मनिर्माण की साधना की जाती है। रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण और सुरक्षा का प्रतीक है। विजयादशमी हमें सिखाती है कि अधर्म और अन्याय का अंत सुनिश्चित है, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी।
त्योहारों के माध्यम से सनातन धर्म सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद की भावना को पुष्ट करता है। इन उत्सवों से समाज में प्रेम, सद्भावना और अपनत्व बढ़ता है, पुराने मतभेद मिटते हैं और नए रिश्तों की शुरुआत होती है। धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है, दान-पुण्य के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग को सहयोग मिलता है और एकता व अखंडता का संदेश संपूर्ण राष्ट्र तक पहुंचता है।
सभी भारतवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। इस होली, न केवल रंगों में सराबोर हों, बल्कि अपने मन के विकारों को जलाकर प्रेम, सद्भाव और राष्ट्रहित की भावना को अपनाएं। आओ, होली के रंग में रंगकर सनातन संस्कृति का जयघोष करें और धर्म, राष्ट्र व संस्कृति की रक्षा में एकजुट हों। बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व होली मंगलमय हो।
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लेखक
महेंद्र सिंह भदौरिया (राष्ट्रीय विचारक)
प्रांत टोली सदस्य सेवा विभाग
विश्व हिन्दू परिषद उत्तर गुजरात
खूब सुंदर भाई साहब हर हर महादेव 🙏🚩
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