आर्थिक भूगोल की प्रमुख शाखाओं का वर्णन कीजिए

आर्थिक भूगोल का क्षेत्र बड़ा विस्तृत है। इसके अन्तर्गत आर्थिक भूगोल की कई शाखाओं का विकास हो चुका है- संसाधन भूगोल, कृषि भूगोल, औद्योगिक भूगोल, परिवहन भूगोल, वाणिज्य भूगोल आदि। अध्ययन की पूर्णता और गहनता के लिए यह सामान्यतः निम्ল भागों में विभक्त किया जाता है-

1. संसाधन भूगोल (Geography of Resources)- संसाधन पूगोल पृथ्वी तल

पर पाए जाने वाले ज्ञात-अज्ञात प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों की खोज, उद्भव, विकास, वितरण, इनमें विद्यमान स्थानिक भिन्नता, उपयोग प्रतिरूपों तथा संरक्षण का अध्ययन करता है। इस भूगोल के अन्तर्गत पृथ्वी के धरातल पर विस्तृत संसाधनों के वितरण, उपयोग, उपयोगिता एवं संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डालते हैं। मानव की सम्पूर्ण आर्थिक क्रियाएँ जो प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन एवं उपयोगिता में सहायक होते हैं, उनके वितरण का अध्ययन संसाधन भूगोल के अन्तर्गत किया जाता है।

2. कृषि भूगोल (Agricultural Geography) - कृषि भूगोल के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर कृषि की विशेषताओं में पाई जाने वाली विविधताओं का अध्ययन किया जाता है।

इस भूगोल में कृषि के विभिन्न उत्पादों की उत्पत्ति और उनके वितरण से सम्बन्धित अवस्थाओं- जैसे मिट्टी के उपजाऊपन, जल की मात्रा, सूर्य प्रकाश और फसलों के बोने और काटने के समय का ज्ञान प्राप्त करें। इस प्रकार की सूचनाएँ कृषि सम्बन्धी भूगोल के अध्ययन से ही प्राप्त की जा सकती हैं। संयुक्त राज्य अमरीका और ग्रेट ब्रिटेन में आर्थिक भूगोल की इस शाखा का पर्याप्त विकास हुआ है।

3. औद्योगिक भूगोल (Industrial Geography) - औद्योगिक भूगोल के अन्तर्गत उद्योगों की स्थानिक व्यवस्था और उनकी संगठन क्रिया का अध्ययन किया जाता है।

इसके अन्तर्गत भूमि से प्राप्त खनिज पदार्थों का वितरण, उत्पादन एवं उत्पादित वस्तुओं की विक्रय समस्याओं का उनकी सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि में भौगोलिक अध्ययन किया जाता है। इस शाखा में उद्योगों का उत्पादन और उनके वितरण का अध्ययन किया जाता है। इस शाखा में इसका भी अध्ययन होता है कि किस प्रकार किसी देश के भौगोलिक वातावरण में वहाँ के औद्योगिक साधनों का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकता है। एक देश के कच्चे माल एवं खनिज और शक्ति के संसाधनों के उपयोग और वितरण सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन करना ही औद्योगिक भूगोल का कार्य है।

4. वाणिज्यिक भूगोल (Commercial Geography) - इसके अन्तर्गत भिन्न- भिन्न देशों के व्यापार, परिवहन के साधनों और व्यापारिक केन्द्रों के विकास और उन्नति के कारणों का अध्ययन किया जाता है। वास्तव में वाणिज्यिक भूगोल का अस्तित्व पृथक् नहीं है क्योकि किसी भी देश का व्यापार उस देश के कृषि पदार्थों, खनिज पदार्थों, शक्ति के साधनोंतथा औद्योगिक वस्तुओं के आधार पर ही होता है। अतएव आर्थिक भूगोल में नी शाखाओं का अध्ययन सम्मिलित रूप से किया जाता है।

5. परिवहन भुगोल (Transport Geography)- इस भूगोल में परिवहन साधनों के साधनों पर स्थलाकृति का विवेचन किया जाता है। रेल, सड़क, जलयान और वायुयान परिवहन का कृषि पदाक्ष कराची बातुओं और औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन और वितरण की व्यवस्था के आधार अध्ययन किया जाता है।

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