एक व्यभिचारी को प्यार का संत बोला जाता है ....
संत वेलेंटाइन
इसके मात्र १०० महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध थे।
गजब का भारतीय समाज होता जा रहा है।
पहले फाल्गुन में प्यार का मौसम आता था अब वेलेंटाइन वीक आता है।
ऐसी कौन कौन सी महिला है जो चाहती हो कि उनके पतियों के १०० औरतों से संबंध हो ???
नहीं है तो वेलेंटाइन क्यों मानती और मनाती हैं ???
प्रेम श्री कृष्ण और राधारानी, प्रभु श्री राम और सीता माता वाला तो समझ पड़ता है।
सबसे अद्भुत प्रेम परमपिता शिव और माता पार्वती का है।
जहाँ जिद और तप है कि अर्धांगिनी बनूँगी तो बस महादेव की।
भारत में पवित्र प्रेम के कई अमर उदाहरण हैं।
प्रेम तो मीरा बाई ने भी अटूट किया था।
एक प्रेम कहानी पृथ्वीराज और संयोगिता की भी थी।
कर्ण और सुप्रिया की भी प्रेम कहानी भी अनूठा है।
परंतु
विडंबना और दुर्भाग्य की बात यह है कि....
यहां देश में प्रेम का आदर्श आज यह हवशी वेलेंटाइन बन बैठा है ............
ऐसे थोड़े ही न विधर्मी यहाँ सरकार बना ले जाता है।
जय श्री राम
जवाब देंहटाएंDhanywad.... Achhi janakari
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