खम्बात की खाड़ी जो अरब सागर में स्थित है, एक समुद्री सर्वेक्षण में, 1999-2000 के दौरान एक तटीय अनुसंधान जहाज में जब वैज्ञानिकों को साइड स्कैन सोनार छवियों के कई असामान्य फ्रेम मिले थे। इनमें ज्यामितीय तरीके से व्यवस्थित वर्गाकार और आयताकार विशेषताएं थीं जो समुद्री क्षेत्र में अपेक्षित नहीं हैं। ऐसी विशेषताएं प्राकृतिक समुद्री भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण होने की संभावना नहीं है। इससे उन्हें संदेह हुआ कि इसमें मानवीय कारीगरी शामिल रही होगी। वह अगले कई वर्षों तक सर्वेक्षण जारी रखे। उसके बाद जो निष्कर्ष निकल कर आए वह उस सभ्यता के रूप में थे जो लगभग साढ़े नौ हजार साल पुरानी थी।
स्थानीय कच्छ संवाद में लोकगीतों में प्राचीन अतीत के चार प्रमुख शहरों का उल्लेख है। इनमें से तीन की पहचान मोहनजोदड़ो, हड़प्पा और धोलावीरा के रूप में की गई है। जाहिर है कि चौथा और सबसे बड़ा और सबसे पुराना खंभात की खाड़ी का महानगर है।
एजेंसियों ने इसकी पहचान उस सभ्यता के रूप में की जो कच्छ की खाड़ी के पास, वर्तमान द्वारका शहर में, छोटे पैमाने के पत्थर के खंडहरों का वर्णन करते हुए, प्राचीन, पौराणिक शहर द्वारका के अवशेष के रूप है। उनके अनुसार – जिसे महाभारत के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण के निवास के रूप में बहुत अच्छी तरह से वर्णित किया गया है। कहा जाता है कि शहर समुद्र द्वारा पूरी तरह से अतिक्रमण कर लिया गया था और इसका विशद वर्णन "महाभारत महाकाव्य" में अर्जुन ने किया है। रहस्यमय पहलू जो असंगत है, वह है द्वारका शहर का स्थान। आज हम जो मंदिर देखते हैं वह मुश्किल से 900 साल पुराना है। चारों ओर का क्षेत्र सूखा, वनस्पति रहित और खारे पानी वाला है। माना जाता है कि कृष्ण ने पुरुषों, हाथियों, घोड़ों जैसे जानवरों की एक विशाल सेना बनाए रखी थी लेकिन खम्बात की खाड़ी के डूबे हुए महानगर में मजबूत, शक्तिशाली बहने वाली नदियाँ, बहुत सारे पेड़ और पत्ते और वास्तव में प्राचीन काल की विशाल बस्ती है। इसलिए संभवतः खम्बात की खाड़ी में स्थित महानगर महाभारत का प्रसिद्ध “द्वारका शहर” हो सकता है।
इस सर्वे से संबंधित बद्रीनाथ जी का लेख मैं कमेंट में दे रहा हूँ लेकिन दो तीन बातें आप भी सोचिएगा।
आज से बीस साल पहले हुई इस खोज को मेन स्ट्रीम मीडिया में आने से किसने रोका? किसने इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने से रोका?
आप खम्बात की खाड़ी की सभ्यता के नाम से गूगल सर्च करेंगे तो एक जैसा विषय आपको हर मीडिया चैनल पर पढ़ने को मिलेगा जिसमें खम्बात की खाड़ी को अरब सागर की बजाय हिंद महासागर में बताया गया है और फेक चित्र लगाए गए हैं।
ईरान को सात हजार साल की सभ्यता बताने वाली औरत की बात पर सब चर्चा कर रहे हैं पर इस सभ्यता पर चर्चा क्यों नहीं हो रही।
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