एजेंटिक एआई क्या है?

सुफियो ने भारत का इस्लामीकरण कैसे किया जानने के लिए पढ़ें आलेख

कुछ प्रसिद्ध सूफियों के नाम यहाँ लिखे जा रहे हैं।

 इनके कारनामे आपको सूफियों के जीवन वृत्त और उनके द्वारा किये गए कार्यों के बारे में विस्तार से लिखने वाले प्रसिद्ध इतिहासकार 【पी. एन. करीज की चर्चित पुस्तक "द श्राइन एंड कल्ट ऑफ मुइनुद्दीन चिश्ती ऑफ अजमेर" 】को डिटेल्ड पढ़कर जाना जा सकता है।
भारत मे इस्लामीकरण के कार्य को जिस शिद्दत, लगन और अभूतपूर्व उत्साह के साथ इन सूफियों ने पूरा किया तथा राष्ट्र के भीतर इस्लाम धर्म और उसके मूल ध्येय ---- धर्मांतरण की नीति को अविश्रान्त प्रवाह, अथक उद्योग और विपुल परिमाण में सम्पन्न किया, उसके चलते इन सूफियों का ऐतिहासिक कद और महत्व इस्लाम के इतिहास में मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी, शिहाबुद्दीन गोरी, अलाउद्दीन खिलजी, फिरोज तुगलक, सिकन्दर लोदी, सिकन्दर बुतशिकन(कश्मीर का शासक, 1389 --- 1431), जलालुद्दीन मुहम्मद(बंगाल में हिन्दू राजा गणेश का धर्मान्तरित पुत्र जदु), काला पहाड़, पीर अली, मुर्शिद अली खान, मुगल बाबर, शाहजहाँ, औरंगजेब से तनिक कमतर नहीं है।

अब इनके नाम देखिए :

◆ ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती।

◆ शेख शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी।

◆ शेख जलालुद्दीन तबरीजी(बंगाल में लखनौती में तथा बाद में बदायूं में खानकाह बनाकर हिन्दू और बौद्ध जनों का व्यापक धर्मांतरण कराया था।)

◆ मख्दूम जहानिया।

◆ शेख अलाउद्दौला सिम्नानी।

◆ मीर सैय्यद अली हमदानी (कश्मीर का इस्लामीकरण करने और उसके धार्मिक सामाजिक माहौल को आमूलचूल बदल डालने वाला सूफी। इसने मिशनरी उत्साह और जेहादी उन्माद के तेवर अपनाकर कश्मीर के भीतर 20 प्रसिद्ध ईरानी सूफियों को प्रतिष्ठित करके धर्मांतरण नीति को विद्युतवेग से सम्पन्न किया।)।

◆ ऋषि नूरुद्दीन (मीर सैय्यद अली हमदानी का योग्य शिष्य.)।

◆ ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी।

◆ बाबा फरीद।

◆ शेख अब्दुल कादिर जिलानी।

◆ शेख अबू अली कलन्दर।

◆ शेख निजामुद्दीन औलिया।

◆ शेख अब्दुल कद्दूस गंगोही(सहारनपुर)।

◆ शेख जलाल(सिलहट, बंगाल)

◆ शाह वलीउल्लाह (अठारहवीं सदी में ध्वस्त होती मुगल सल्तनत और इस्लामिक साम्राज्य तथा इस्लाम धर्म के संरक्षण हेतु इसने मराठों, जाटों व सिक्खों के अत्यन्त शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य विस्तार को विनष्ट करवाने के लिए अफगानिस्तान के लुटेरे व बर्बरतम शासक अहमद शाह अब्दाली तथा रुहेल्ला शासक नजीबुद्दौला से व्यक्तिगत सम्पर्क करके पानीपत के तृतीय युद्ध में मुसलमानों को विजयी बनवाया था।)

◆ कुतुबुल आलम शेख नुरुल हक (1400 ईस्वी में राजा गणेश के सिंहनसारूढ़ होने के समय गणेश द्वारा सूफियों के धर्मांतरण पर रोक लगाने के विरोध में इस शक्तिशाली सूफी द्वारा जौनपुर के सुल्तान इब्राहिम शाह शर्की को पत्र लिखकर बंगाल की भूमि को काफिरों से मुक्त करने के लिए आह्वान किया गया। और शर्की सुल्तान के मदद के चलते गणेश को खुद के पुत्र का धर्मांतरण करवाना पड़ा था। बंगाल के इस्लामीकरण की नीति को अमली जामा पहनाने वाला सबसे प्रमुख सूत्रधार यही सूफी था।)

◆ शत्तारिया शेख अब्दुल्ला(मध्य एशिया से आया सूफी जिसने बंगाल, मालवा और गुजरात में धर्मांतरण का कार्य बड़े पैमाने पर किया।)

◆ शेख दाऊद(पंजाब और सिंध प्रांत में सोलहवीं सदी के दौरान इसने प्रतिदिन 50 से 100 हिन्दुओं को मुसलमान बनाना आरम्भ किया था। बदायूंनी इसके बारे में विस्तार से जानकारी देता है।)

◆सैय्यद सालार मियाँ मसूद गाजी(महमूद गजनवी की बहिन का पुत्र था यह। 50000 सैनिकों के साथ हिन्दुओं का धर्मांतरण कराने चला था गजनी से पंजाब , फिर दिल्ली, कन्नौज होते हुए अवध के क्षेत्र का। 15 जून 1033 ईस्वी में पासी राजा सुहेलदेव के वाण से ये टें बोल गए थे। हजारों मूर्ख हिन्दुओं द्वारा बहराइच में इसकी मजार पर श्रद्धभाव से नियमित शीश नवाया जाता है।)

                         ◆◆ इनके कारनामे आप लोग 【पी. एन. करीज】 की पुस्तक का पारायण करते हुए देखिए। 

फिर सूफीवाद और सूफी आंदोलन की वास्तविकता एकदम सामने आ जायेगी।

बाकी ---- बेशर्मी भरा ऐतिहासिक विवरण और नितान्त झूठ तथा अर्द्धसत्यों का जखीरा तो वामपन्थी, सेकुलर इतिहासकारों ने इस टॉपिक पर न केवल लिख छोड़ा है बल्कि इन दुरात्माओं की वास्तविक तस्वीर भी कभी देश के आम जनमानस के सम्मुख आने नहीं दिया।

कुमार शिव जी 

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